दीघ निकाय वाक्य
उच्चारण: [ digh nikaay ]
उदाहरण वाक्य
- बौद्ध ग्रंथ दीघ निकाय में लोकायत को शाश्त्र कहा गया है।
- उदाहरणार्थ, दीघ निकाय के समञ्ञफल सुत्त, ब्रह्मजाल सुत्त एवं महापरिनिब्बान सुत्त में बुद्ध के
- उदाहरणार्थ, दीघ निकाय के समञ्ञफल सुत्त, ब्रह्मजाल सुत्त एवं महापरिनिब्बान सुत्त में बुद्ध के समसामयिक धर्म
- बौद्धों के दीघ निकाय नामक ग्रन्थ में [11] पिप्पलिवन में रहने वाले मोरिय नामक एक क्षत्रिय वंश का उल्लेख मिलता है।
- दीघ निकाय के सिगाल सुत्त से पता चलता है कि सिगाल नामक युवक हठीला, भौतिकवादी और जिद्दी स्वभाव का युवक था ।
- दीघ निकाय के सिगाल सुत्त से पता चलता है कि सिगाल नामक युवक हठीला, भौतिकवादी और जिद्दी स्वभाव का युवक था ।
- सुत्त पिटक पाँच निकायों में बँटा है:-(1) दीघ निकाय, (2) मज्झिम निकाय, (3) संयुत्त निकाय, (4) अंगुत्तर निकाय और (खुद्दक निकाय) खुद्दक निकाय सबसे छोटा है।
- उदाहरणार्थ, दीघ निकाय के समञ्ञफल सुत्त, ब्रह्मजाल सुत्त एवं महापरिनिब्बान सुत्त में बुद्ध के समसामयिक धर्मप्रवर्तकों जैसे मंखलिगोसाल, पकुधकच्चायन, अजित केस कंबलि, संजय बलट्ठिपुत्त निगंठनातपुत्त, आदि के आचार-विचारों तथा उनके द्वारा प्रवर्तित धर्म संप्रदायों की बौद्ध दृष्टि से आलोचना पाई जाती है और साथ ही उन-उन विषयों पर बौद्ध मान्यता का प्रतिपादन भी पाया जाता है।
- उदाहरणार्थ, दीघ निकाय के समञ्ञफल सुत्त, ब्रह्मजाल सुत्त एवं महापरिनिब्बान सुत्त में बुद्ध के समसामयिक धर्मप्रवर्तकों जैसे मंखलिगोसाल, पकुधकच्चायन, अजित केस कंबलि, संजय बलट्ठिपुत्त निगंठनातपुत्त, आदि के आचार-विचारों तथा उनके द्वारा प्रवर्तित धर्म संप्रदायों की बौद्ध दृष्टि से आलोचना पाई जाती है और साथ ही उन-उन विषयों पर बौद्ध मान्यता का प्रतिपादन भी पाया जाता है।
- उदाहरणार्थ, दीघ निकाय के समञ्ञफल सुत्त, ब्रह्मजाल सुत्त एवं महापरिनिब्बान सुत्त में बुद्ध के समसामयिक धर्मप्रवर्तकों जैसे मंखलिगोसाल, पकुधकच्चायन, अजित केस कंबलि, संजय बलट्ठिपुत्त निगंठनातपुत्त, आदि के आचार विचारों तथा उनके द्वारा प्रवर्तित धर्म संप्रदायों की बौद्ध दृष्टि से आलोचना पाई जाती है और साथ ही उन-उन विषयों पर बौद्ध मान्यता का प्रतिपादन भी पाया जाता है।
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